शहर में दो बिल्लियां थी वह दोनों साथ साथ खेलती और साथ-साथ घूमती थी। दोनों खाने के लिए बहुत झगड़ा करती थी।
दोनों चोरी करने में बेहद माहिर थी जब भी किसी के घर का दरवाजा खुला रह जाता वह तुरंत जाकर रसोई से दूध पी लेती।
एक बार वह दोनों खाना ढूंढने के लिए घूम रही थी अचानक रास्ते में उन्हें एक घर के सामने रोटी दिखाई देती है।
रास्ते में रोटी पड़ी देख पहली बिल्ली बोलती है ” यह कितनी स्वादिष्ट रोटी है मेरा तो खाने का इंतजाम हो गया। “
रास्ते में पड़ी रोटी दूसरी बिल्ली ने भी देख लिया था और पहली बिल्ली की बात सुनकर उसे गुस्सा आया और उसने कहा ” क्या कहा? यह रोटी मेरी है, मैंने इसे पहले देखा था अब जाओ यहां से। “
यह सुन पहले बिल्ली को भी गुस्सा आ जाता है और वह कहती हैं ” क्या तुम हमेशा दूसरों का खाना खाती हो, दूसरों से छिनती हो चले जाओ यहां से यह मेरी रोटि है। “
दोनों बिल्लियां इस बात पर लड़ने लगती है दूसरी बिल्ली भी पलट कर जवाब देती है ” मुझे बेवकूफ मत बनाओ यह रोटी मेरी है लालची। “
दोनों बिल्लियां एक रोटी के लिए खूब लड़ते झगड़ते हैं।
तभी वहां उनका दोस्त बंदर आ जाता है बंदर कहता है ” इतनी सी बात पर क्या झगड़ा मैं रोटी को आधा कर देता हूं तुम दोनों उसे खा लेना। “
बंदर की बात से दोनों बिल्लियां सहमत हो जाते हैं और वह कहते हैं ” हां बंदर हमारी बहुत मदद हो जाएगी यह तो मुझे मुझसे हमेशा लड़ती रहती है। “
बंदर उन दोनों की समस्या हल करने के लिए चोरी छुपे एक घर के अंदर घुस जाता है और वहां से एक तराजू लेकर आता है बंदर रोटी को दो टुकड़ों में बांट देता है और तराजू के एक एक तरफ रख देता।
बंदर चालाकी से उस रोटी को ऐसा तोड़ता है कि एक तरफ की रोटी बड़ी रह जाए और दूसरी तरफ छोटी।
अब तराजू पर जब बंदर दोनों रोटियों का हिस्सा रखता है। एक तरफ बड़ी रोटी और एक तरफ छोटी रोटी होने की वजह से तराजू का एक तरफ झुक जाता है।
अब उस तराजू के दोनों तरफ बराबर करने के लिए बंदर बड़ी रोटी को तोड़कर उसे खा लेता है। पर फिर तराजू के दोनों तरफ रोटी बराबर ना होने की वजह से तराजू दुबारा झुक जाता है।
अब बंदर दोबारा बड़ी रोटी का टुकड़ा कर उसे खा लेता है।
बस इसी तरह चालाक बंदर ने थोड़ा-थोड़ा करके पूरी रोटी खा लेता है और दोनों बिल्लियां यह देख सर पटकने लगती है।
अब तराजू पर रोटी का एक टुकड़ा भी ना बचा देख पहली बिल्ली बोलती है ” यह हमने क्या किया यह चालाक बंदर ने थोड़ा-थोड़ा कर हमारी सारी रोटियां खा ली। “
दूसरी बिल्ली भी कहती है ” किसी ने ठीक ही कहा है किसी से झगड़े से कुछ नहीं होता इससे अच्छा हम दोनों इस रोटी को बांट कर खा लेते। “
सीख:- हमें कभी भी आपस में लड़ाई नहीं करनी चाहिए। दो की लड़ाई में हमेशा तीसरे का फायदा होता है।