एक गांव में रामू नाम का एक लड़का रहा करता था वह बहुत ही आलसी था। उसे काम करना बिल्कुल पसंद नहीं था।
रामू अपनी मां के साथ रहा करता था। उसका यह हालत देख कर उसकी मां हमेशा मुझे डांटते रहती।
ऐसे ही एक दिन जब रामू की मां रामू को डरती है और रामू उठ कर अपने घर से बाहर चला जाता है।
कुछ देर बाद रामू गांव के बाहर जाता है। रामू गांव के बाहर जाने के बाद रामू को एक मंदिर दिखाई देती है और वहीं रुक कर राम मंदिर में ही सो जाता है।
अचानक से मंदिर के अंदर से एक आवाज आने लगती है रामू तुरंत टूट जाता है और रामू का ध्यान बोलने वाले शंख पर जाता है और रामू हैरान हो जाता है।
रामू हैरानी से उस से पूछता है ” क्या तुम एक जादुई शंख हो ? “
शंख कहते हैं ” तुम जो कुछ भी मांगोगे मैं वह सब दे दूंगा। “
रामू शंख की बात सुनकर खुश हो जाता है और वह कहता है ” क्या तुम मुझे इतना पैसा दे सकते हो कि मुझे कभी कोई काम करने की जरूरत ना पड़े ? “
शंख कहता है ” हा जरूर, लेकिन तुम्हें उसके बदले मेरा एक काम करना होगा। क्या तुम तैयार हो ? “
रामू खुशी से पूछता ” कौन सा काम बोलो ? “
शंख कहता हैं ” तुम्हें मुझे एक बोरी चावल के नीचे दबा के रखना होगा, अगर तुम यह काम कर सकते हो तो मैं तुम्हें बहुत सारा पैसा दूंगा अगर नहीं कर पाए तो एक सीख मिलेगी। “
रामू को यह काम बड़ा ही आसान लगता है और रामू इस काम के लिए तैयार हो जाता है।
जादूई शंख की बात सुन कर रामू खुशी खुशी अपने घर जा कर चावल की एक बोरी उठा लेता है।
रामू की मां उसे इसके बारे में पूछती है मगर रामू अपनी ही धुन में होता है।
घर से निकलते वक्त रामू को खुशी खुशी एक बोरी चावल ले जाता देख गांव के लोग भी रामू की खुशी देखकर हैरान हो जाते हैं।
रामू चावल की बोरी लेकर मंदिर आता है और थोड़ी चावल बिछाकर जादुई शंख को ऊपर रखता है और बाकी बोरी के चावल शंख पर डालने लगता है।
शंख पूरी तरह से ढक जाता है रामू खुश हो जाते हैं, तभी अचानक चावल नीचे से खिसकने लगता है और शंख ऊपर आने लगता है।
रामू शंख को चावल के ऊपर आता देख वह हैरान हो जाता है।
शंख हंसते हुए कहता है ” राम, एक बार दुबारा कोशिश करो। “
रामू शंख के उपर दुबारा चावल डालने लगता, लेकिन शंख वापस ऊपर आ जाता। रामू बार-बार कोशिश करता है, लेकिन शंख उपर आता रहता।
थोड़ी देर बाद रामू पसीने से लथपथ हो जाता है और थक जाता है गांव के लोग रामू की हालत देखकर रामू पर हसने लगते हैं।
तभी रामू को उनमें से एक गांव वाला कहता है ” रामू तुम बूढ़े हो जाओगे पर शंख को चावल के नीचे नहीं दबा पाओगे। “
यह कहकर सारे गांव वाले हंसते हैं और वहां से चले जाते हैं।
रामू हताश हो कि वही बैठ जाता है।
शंख उसे कहते हैं ” रामू बिना मेहनत के दुनिया में कुछ नहीं मिलता। “